रुहेलखण्ड

Rohilkhand


प्रतिमा निर्माण

यद्यपि इस क्षेत्र में प्रतिमा निर्माण का कोई विशेष क्षेत्र नहीं है, तथापि रुहेलखण्ड के मुरादाबाद जिले में पीतल की हस्तनिर्मित देवी- देवताओं की मूर्तियाँ दूर- दूर तक प्रसिद्ध हैं। इसके साथ ही क्षेत्र के कुम्हार भी अनेक मृण्मूर्तियों का निर्माण करके उन पर चित्रण करके खिलौनों के रुप में मेलों आदि में बेचते हैं, परंतु प्रतिमा निर्माण का कार्य सीमित स्तर पर ही होता है।

पुरातात्विक खोजों द्वारा प्राप्त प्रस्तर प्रतिमाओं एवं मृण्मूतियों से ज्ञात होता है कि प्राचीन काल में यहाँ के मूर्तिकार कुशल शिल्पी थे, जिन्होंने उन मूर्तियों का निर्माण किया। परंतु वर्तमान समय में शिल्प निर्माण का उद्योग यहाँ लगभग समाप्त हो गया है तथा अब सीमित क्षेत्र में ही मिट्टी की देवी- देवता, पशु- पक्षी की मूर्तियाँ एवं खिलौने बनाये जाते हैं।

  | विषय सूची |


Content Prepared by Dr. Rajeev Pandey

Copyright IGNCA© 2004

सभी स्वत्व सुरक्षित । इस प्रकाशन का कोई भी अंश प्रकाशक की लिखित अनुमति के बिना पुनर्मुद्रित करना वर्जनीय है ।