रुहेलखण्ड

Rohilkhand


रुहेलखण्ड क्षेत्र की प्रतिभायें एवं विभूतियाँ

इस क्षेत्र में स्वतंत्रता संग्राम में, साहित्य, लेखन तथा काव्य व नाट्य कला के क्षेत्र में अनेक प्रतिभाशाली विभूतियों ने जन्म लेकर अपनी लेखनी, कला व कृत्यों द्वारा इस क्षेत्र का नाम पूरे देश में रोशन किया है। रुहेलखण्ड मण्डल के जिलों के अनुसार यहाँ की विभूतियों का संक्षिप्त विवरण अधोलिखित है :-

बरेली की विभूतियाँ :-

बरेली में कुछ ऐसे विशेष व्यक्तित्व हुये हैं, जो अपना ऐतिहासिक महत्व रखते हैं। बरेली के श्री गोपाल स्वरुप पाठक भारत के उप- राष्ट्रपति रहे हैं। यहाँ के विश्व प्रसिद्ध कथावाचक व नाटककार "पं. राधेश्याम कथावाचक' ने बरेली का नाम सारे विश्व में उजागर किया है। बरेली के सेठ "फजलउर्ररहमान' ऊर्फ चुन्ना मियाँ ने यहाँ लक्ष्मी- नारायण मंदिर का निर्माण कराकर हिंदू- मुस्लिम एकता की एक मिसाल कायम की। बरेली के क्रांतिकारियों में "दामोदर स्वरुप सेठ' ऐसे वीर स्वतंत्रता सेनानी थे, जिन्हें यह नगर सदैव याद करता रहेगा। बरेली के ही श्री प्रतापचंद्र आजाद उच्च कोटि के प्रसिद्ध लेखक एवं स्वतंत्रता संग्राम सेनानी, श्री निरंकार देव सेवक प्रसिद्ध साहित्यकार, श्री जितेंद्र महाराज प्रसिद्ध कत्थक नृत्य सम्राट आदि ने बरेली के गौरव में सदैव ही चार- चाँद लगाये हैं।

वर्तमान समय में बरेली के म. ज्यो. फु. रुहेलखण्ड विश्वविद्यालय के प्रो. उदय प्रकाश अरोड़ा विश्वप्रसिद्ध इतिहासकार हैं, जिन्होंने इतिहास के क्षेत्र में अभूतपूर्व कार्य कर बरेली का गौरव बढ़ाया है। इसके साथ ही पूर्व विश्व सुंदरी तथा प्रसिद्ध फिल्म अभिनेत्री प्रियंका चौपड़ा भी बरेली की ही निवासी हैं, जो कला और फिल्म के क्षेत्र में विश्व में प्रसिद्ध हैं।

बदायूँ की विभूतियाँ :-

बदायूँ के प्रसिद्ध व्यक्तिओं व प्रतिभाओं में अकबर कालीन मनसबदार अब्दुल कादिर बदायूँनी बहुत प्रसिद्ध कवि, लेखक व इतिहासकार हुये। उन्होंने रामायण, महाभारत एवं अर्थववेद का फारसी में अनुवाद किया। बदायूँ के सहसवान कस्बे के उस्ताद निसार हुसैन खाँ ने बहुत प्रसिद्धि पायी तथा भारत सरकार ने उन्हें पद्म भूषण उपाधि से सम्मानित किया। भारत के प्रसिद्ध शायर फानी बदायूँनी तथा शकील बदायूँनी ने भी यहीं जन्म पाया तथा इस जनपद की प्रसिद्धि को बढ़ाया।

शाहजहाँपुर की विभूतियाँ :-

भारत के स्वतंत्रता संग्राम में शाहजहाँपुर जनपद के वीरों ने अभूतपूर्व योगदान दिया। इन स्वतंत्रता सेनानियों में पं. रामप्रसाद "बिस्मिल', ठा. रोशन सिंह, अशफाक उल्ला खाँ तथा पं. देव नारायण "भारतीय' आदि प्रमुख रुप से उल्लेखनीय हैं। शाहजहाँपुर से स्वतंत्रता हेतु इतने वीर शहीद हुए कि इसे "शहीदों का नगर' ही कहा जाने लगा।

इसके अतिरिक्त शाहजहाँपुर की भूमि पर अवतरित होने वाले परम ब्रह्मज्ञानी ब्रह्मलीन स्वामी त्यागी जी महाराज ( टॉपर वाले ) विश्वप्रसिद्ध योगी एवं संत हुए, जिनके हजारों भक्त पूरे देश में फैले हैं। कला एवं लेखन के क्षेत्र में यहाँ हृदयेश जी, रंगमंच व नाट्यकला के क्षेत्र में राही जी तथा इतिहास लेखन के क्षेत्र में डॉ. नानक चंद्र मेहरोत्रा प्रसिद्ध विद्वान हैं।

मुरादाबाद की विभूतियाँ :-

मुरादाबाद जनपद में भी ज्ञान एवं साहित्य की ख्याति प्राप्त विभूतियाँ हुई है, जिन्होंने पूरे देश में मुरादाबाद का नाम रोशन किया है। इनमें शायरी एवं कविता लेखन के क्षेत्र में जिगर मुरादाबादी, कमर मुरादाबादी, हुल्लड़ मुरादाबादी प्रमुख हैं। हिंदी साहित्यकारों में पं. ज्वाला प्रसाद मिश्र, पं. दुर्गादत्त त्रिपाठी, श्री बलदेव प्रसाद मिश्र आदि प्रमुख हैं।

रामपुर की विभूतियाँ :-

ज्ञान एवं साहित्य के क्षेत्र में रामपुर की विभूतियों का महत्वपूर्ण स्थान है। इनमें उर्दू के विद्वानों में कायम चाँदपुरी, काजिम अली "शैदा', जनाब अहमद अली खाँ आदि प्रमुख है। हिंदी साहित्यकारों में यहाँ के श्री कल्याण जैन तथा डॉ. नागेन्द्र का नाम प्रमुख उल्लेखनीय है।

पीलीभीत की विभूतियाँ :-

रुहेलखण्ड क्षेत्र के उत्तर में स्थित पीलीभीत जनपद में ज्ञान एवं साहित्य की विभूतियों की कमी नहीं है। इस श्रृंखला में नारायणानंद स्वामी "अख्तर' संगीतज्ञ, कवि, साहित्यकार तथा इतिहासकार के रुप में प्रसिद्ध रहे हैं। यहाँ के चण्डी प्रसाद "हृदयेश' कहानीकार, एकांकीकार, उपन्यासकार, गीतकार एवं कवि थे। पीलीभीत के कविवर राधेश्याम पाठक "श्याम' ने गद्य एवं पद्य दोनों साहित्य का सृजन किया। प्रसिद्ध फिल्मी गीतकार अंजुम पीलीभीती ने रतन, अनमोल घड़ी, जीनत, छोटी बहन एवं अनोखी अदा आदि फिल्मों के प्रसिद्ध गीत लिखकर पीलीभीत नगर का नाम रोशन किया। वर्तमान समय में भी अनेक साहित्यकार एवं कवि लेखन में संलग्न हैं।

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Content Prepared by Dr. Rajeev Pandey

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