रुहेलखण्ड

Rohilkhand


नवरात्र के गीत

नवरात्र के अवसर पर गाये जानेवाले गीत

विभिन्न धार्मिक अवसरों का गीतों से गहन सम्बन्ध है। नवरात्र के अवसर पर गाये जाने वाले गीत , भारत के अनेक प्रान्तों में देखे जा सकते हैं। रुहेलखण्ड के गाँवों में ऐसे अनेक गीत प्रचलित हैं , जिन्हें नवरात्र में गाया जाता है। इनमें से कुछ गीत इस प्रकार हैं --

गीत
सं०--
i

पलका पीतल को बनवा लो, पटापट बोले लांगुरिया,
सासुल पीसे पीसनो, ससुरा सौवो खाट।
निवृत आवै पीसनो ,सरकत आवै खाट।।

पलका पीतल को बनवा लो, पटापट बोले लांगुरिया,
देवरानी पीसे पीसनो, देवर सौवो खाट।
निवृत आवै पीसनो ,सरकत आवै खाट।।

पलका पीतल को बनवा लो, पटापट बोले लांगुरिया,
भाभी पीसे पीसनो, भाईया सौवो खाट।
निवृत आवै पीसनो ,सरकत आवै खाट।।

पलका पीतल को बनवा लो, पटापट बोले लांगुरिया,
चाची पीसे पीसनो, चाचो सौवो खाट।
निवृत आवै पीसनो ,सरकत आवै खाट।।

पलका पीतल को बनवा लो, पटापट बोले लांगुरिया,
मामी पीसे पीसनो, मामा सौवो खाट।
निवृत आवै पीसनो ,सरकत आवै खाट।।

गीत
सं०--
ii

दो- दो जोगिनी के बीच अकेला लांगुरिया।

पहली जोगिनी यो उठ बोली झूमड़ ला दे मोय,
दूजी जोगिनी यो उठ बोली लटकन ला दे मोय।
दो- दो जोगिनी के बीच अकेली लांगुरिया।

पहली जोगिनी यो उठ बोली नथनी ला दे मोय,
दूजी जोगिनी यो उठ बोली झमका ला दे मोय।
दो- दो जोगिनी के बीच अकेली लांगुरिया।

पहली जोगिनी यो उठ बोली हरवा ला दे मोय,
दूजी जोगिनी यो उठ बोली पैन्डल ला दे मोय।
दो - दो जोगिनी के बीच अकेली लांगुरिया।

पहली जोगिनी यो उठ बोली तगड़ी ला दे मोय,
दूजी जोगिनी यो उठ बोली गच्छा ला दे मोय।
दो- दो जोगिनी के बीच अकेली लांगुरिया।

पहली जोगिनी यो उठ बोली पायलला दे मोय,
दूजी जोगिनी यो उठ बोली आयल ला दे मोय।
दो- दो जोगिनी के बीच अकेली लांगुरिया।

पहली जोगिनी यो उठ बोली बिन्दा ला दे मोय,
दूजी जोगिनी यो उठ बोली सिन्दूर ला दे मोय।
दो- दो जोगिनी के बीच अकेली लांगुरिया।

गीत
सं०--
iii

मेरो जीय लहरिया लेय भवानी जी के दर्शन कौ।

मेरो ससुरा जान नाय देय भवानी जी के दर्शन कौ,
बहुअर घर ही से माँगो वरदान हाथ जोड़ विनती करौ,
मेरो जीय लहरिया लेय भवानी जी के दर्शन कौ।

मेरो जेठ जान नाय देय भवानी जी के दर्शन कौ,
बहुअर घर ही से माँगो वरदान हाथ जोड़ विनती करौ,
मेरो जीय लहरिया लेय भवानी जी के दर्शन कौ।

मेरो देवर जान नाय देय भवानी जी के दर्शन कौ,
बहुअर घर ही से माँगो वरदान हाथ जोड़ विनती करौ,
मेरो जीय लहरिया लेय भवानी जी के दर्शन कौ।

नवरात्र के समय रुहेलखण्ड को गाँवों और नगरों में छोटी -छोटी बच्चियों द्वारा गाए जाने वाले झुझिया गीत भी अत्यन्त लोकप्रिय हैं। नवरात्र के दिनों में छोटी बच्चियाँ टोलियाँ बनाकर घर-घर जाती हैं और इन गीतों को सामूहिक रुप से गाती हैं। इन गीतों को गाते समय यह बालिकाएं अपने साथ मिट्टी से बने जालीदार कंडील भी रखती हैं। छोटे- छोटे इन कंडीलों के भीतर दिया जलाया जाता है, जिससे कंडील सुन्दर प्रतीत होते हैं।

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Content Prepared by Dr. Rajeev Pandey

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