मालवा

बासौदा

अमितेश कुमार


बासौदा रंगाई- छपाई कार्य के लिए प्रसिद्ध रहा है। कहा जाता है कि इस नगर का पुराना नाम "वासुदेव नगर' था। अब यह "गंज बासौदा' कहलाता है। पुराने ऐतिहासिक साक्ष्यों में इसे "शहजादपुरा' के नाम से जाना जाता था। हो सकता है कि इसे किसी शाहजादे के नाम पर बसाया गया होगा। इसी काल में यहाँ एक शेख करी मुल्ला की कब्र पर मकबरा बना हुआ है।

बाद में बासौदा अगरा वरखेड़ा के शासकों के अधिपत्य में आ गया। उन्होंने यहाँ एक हवेली बनवाई तथा कुछ दूरी पर एक बाग लगवाया, जो अभी तक विद्यमान है। उनके बाद यह सिंधिया के अधिपत्य में आ गया।

 

मरखेड़ा

मरखेड़ा बासौदा से कुछ दूरी पर स्थित है। यह गाँव अपने कप्नू नगों के लिए प्रसिद्ध रहा है। यहाँ स्थित सातखनी हवेली प्रसिद्ध है। हवेली के दूसरे खन पर कानूनगो परिवार के घोड़े बाँधने की व्यवस्था थी। इससे इनकी वैभवता का पता चलता है।

 

 

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