हजारीप्रसाद द्विवेदी के पत्र

प्रथम खंड

संख्या - 132


IV/ A-2129

रवीन्द्रपुरी, वाराणसी
9.2.68

आदरणीय पंडित जी,
प्रणाम!

आपका कृपापत्र चण्डीगढ़ से घूमकर आया है। मैं बनारस आ गया हूँ। आपको यह जानकर कदाचित् आश्चर्य ही होगा। काशी विश्वविद्यालय की एकजीक्यूटिव कौंसिल ने सर्वसम्मति से मुझे यहाँ बुलाने का निश्चय किया और पुराने प्रस्ताव को रद्द कर दिया। थोड़ा आगा-पीछा करके अब आ गया हूँ और शक्ति भर सेवा करने का प्रयत्न कर रहा हूँ। इतना ही आदमी कर सकता है, बाकी परमात्मा पर छोड़ देना ही ठीक लगता है।

आपने मेरे और अपने पुराने विचारों को फिर से खोज निकाला है। पढ़कर लगा कि हम लोग ठीक ही सोच रहे थे। हिंदी प्रदेशों में ही हिंदी को वास्तविक प्रतिष्ठा मिलनी चाहिए। राष्ट्रभाषा तो स्वयमेव बनेगी या बनी है। अपने घर में उसे शक्ति और समृद्धि मिलनी चाहिए। यह ठीक है कि केंद्रीय सरकार ने बहुत समय नष्ट किया है। पर हिंदी राज्यों की सरकारों ने भी कम समय नहीं नष्ट किया है। इस समय नई पीढ़ी में बेचैनी है। ठीक ही है। पर इस समय धीरज और साहस की आवश्यकता है। हमें सावधानी से इस शक्ति को रचनात्मक कार्य में लगाना चाहिए। मैं अपनी शक्ति भर कर्रूँगा। बात करने का, बहस करने समय अब नहीं है। काम करने का समय है। हमारी पीढ़ी के लोग कभी-कभी पुराने ढ़ग के बहस-मुबाहिसे के चक्कर में पड़ जाते हैं और कम महत्वपूर्ण बातों को अधिक महत्व देने लगते हैं। जिन विद्यार्थियों को साधारणतः विद्रोही समझा जाता है उनमें काम करने की लगन बहुत है। मुझे यह देखकर प्रसन्नता हुई है कि नई पीढ़ी की बेचैनी निश्चित रुप से काम करने की ओर है। उनका सदुपयोग होना चाहिए। लड़के यह देखकर विक्षुब्ध हैं कि हम लोग बेकार बातों में उलझे हुए हैं। अगर उनकी शक्ति ठीक दिशा में नहीं जाएगी तो हानि तो होगी ही। इसलिये हमें उनकी आशा-आकांक्षाओं को ठीक से समझकर उनसे काम लेना चाहिए। अगर नई पीढ़ी में शुभ बुद्धि रहेगी तो देश का भला होगा। वह है, इसमें सन्देह नहीं। उसका ठीक उपयोग नहीं हुआ तो देश का दुर्भाग्य होगा। काम करने के लिये प्रेरणा दीजिए - उचित, गंभीर, कल्याणकारी काम।

आप अवश्य प्रेरणा दे सकते हैं।

शेष कुशल है। आशा है, स्वस्थ और प्रसन्न हैं।

आपका
हजारी प्रसाद द्विवेदी

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© इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केन्द्र १९९३, पहला संस्करण: १९९४

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प्रकाशक : इन्दिरा गांधी राष्ट्रीय कला केन्द्र, नई दिल्ली एव राजकमल प्रकाशन प्राइवेट लिमिटेड, नई दिल्ली