हजारीप्रसाद द्विवेदी के पत्र

प्रथम खंड

संख्या - 61


IV/ A-2061

ओझवलिया, (बलिया)

27.10.43

श्रध्देय पंडित जी,

       कृपा-पत्र और ग्वालियर विश्वविद्यालय संबंधी पत्र तथा लेख मिले हैं। विस्तृत उत्तर शान्तिनिकेतन पहुँचकर लिखूँगा। छुट्टियों में घर आ गया हूँ। चार-पाँच दिन और रह कर यहाँ से शान्तिनिकेतन जाऊँगा। आपने अपने पत्र में जिन सैद्धान्तिक आधारों की चर्चा की है, उसके विषय में अधिक चर्चा होनी चाहिए। लेकिन उसमें जो मेरे विषय में लिखा हुआ अंश है, उसे हटा कर ही प्रचारित करना चाहिए। यदि आप आज्ञा दें तो विश्वभारती पत्रिका में इस पत्र का सारांश दे दूँ। वहाँ जाकर ही आचार्य श्री क्षितिमोहन सेन का मत लिख सकूँगा। आशा करता हूँ, अब आप स्वस्थ और प्रसन्न होंगे। हम लोग सकुशल हैं।

आपका

हजारी प्रसाद  

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© इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केन्द्र १९९३, पहला संस्करण: १९९४

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प्रकाशक : इन्दिरा गांधी राष्ट्रीय कला केन्द्र, नई दिल्ली एव राजकमल प्रकाशन प्राइवेट लिमिटेड, नई दिल्ली