बुंदेलखंड संस्कृति

आभूषण

खजुराहो काल की महिलाएँ, अनेकानेक प्रकार के आभूषणों का उपयोग करती थी। वे अपने सौंदर्य के प्रति इतनी सतर्क थी कि समय व स्थान के अनुसार ही इनका उपयोग करती थी। इनमें सिर से लेकर पैर तक के आभूषणों का पता चलता है। बोरला सिर पर बांधे जाने वाला आभूषणों में प्रमुख है। सिर को सजाने के लिए अलग- अलग प्रकार के मनकों को मालानुमा बनाकर लटकाने का रिवाज पाया जाता था। इसके अतिरिक्त राजगृहों की नारियाँ मुकुट पहनती थी तथा अमीर घराने की नारियाँ मोतियों का जाल बिछाकर मुक्तजाल आभूषण शरीर में बांधती थी।

खजुराहो की प्रतिमाओं पर पाये जाने वाले आभूषणों में कुंडल, बालियाँ, फूल, झूमके, कर्णफूल, कुंडल, मनकें, नेकलेस, हंसली, कैयूर, अंगत, अंगूठियाँ, मेखला, पांजेब, मंजीरा, तुलाकोटी, नुपूर, हंसक, बेंदा, चक्र, कंकण, हस्तफूल, कंगन तथा पायल प्रमुख आभूषण हैं।

 

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Content prepared by Mr. Ajay Kumar

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