ब्रज-वैभव

ब्रज का भौगोलिक वर्णन

ब्रज के कतिपय रमणीक स्थल


पिसायौ

इस रमणीक स्थल को 'ब्रजभक्ति विलास' में 'पिपासा बन' कहा गया है। इसके प्राकृतिक सौंदर्य की प्रशंसा करते हुए ग्राउज ने लिखा है - यह मथुरा जिले का सबसे सुन्दर स्थल है, जो काफी विस्तृत भी है। इसमें प्राकृतिक चौकों की कई पंक्तियाँ हैं, जिनके चारों और कदंब के वृक्षों की कतारें हैं। इनके साथ कहीं-कहीं पर छोटे वृक्ष पापड़ी, पसेंदू, ढ़ाक और सहोड़ के भी है। ये चौक ऐसे नियमित रुप में वन गये हैं, कि इन्हें प्राकृतिक कहना कठिन है। इन्हें बावन चौक कहा जाता है किन्तु वास्तव में इनकी संख्या कम है। इनमें बन्दर बहुत बड़ी संख्या में रहते हैं। इसके पूर्व की ओर जो जंगल है, उसमें पीलू, रेंमजा और करील की झाड़ियाँ हैं। पश्चिम की ओर कुछ दूरी पर बरसाने का मन्दिर दिखलाई पड़ता है। यहाँ पर अरनी के पौधे भी हैं, जिनके फूलों की सुगंध से समस्त बन का वातावरण महकता रहता है। पिसायौ गाँ के निकट किशोरी कुंड है और दो मन्दिर हैं। १

बंध बारोठा

राजस्थान के भरतपुर जिला का यह बड़ा रमणीक स्थल है। भरतपुर नगर से यह २३ मील दूर है और वहाँ तक सड़क मार्ग उपलब्ध है। इस स्थल पर छोटी पहाड़ियों के मध्य में एक बंध बनाया है, जिसके पानी से वहाँ एक रमणीक झील निर्मित हो गयी है। इसमें कई स्थानों पर चटटानों जैसी सीड़ियों पर से पानी गिरता है, जिससे झरनों का सा द्रष्य दिखाई देता है पानी की धाराएँ कलख करती हुई और झाग उठाती हुई बड़ी सुहावनी जान पड़ती हैं। झील में भाँति-भाँति की मछलियाँ है, जंगल में अनेक प्रकार के शिकार है और समीप के दल-दल में मुरगाबियाँ है। इन सब के कारण यह सैलानियों और भ्रमणार्थियों का स्वर्ग सा बन गया है। इसके ऊपर पहाड़ी की चोटी पर भरतपुर के राजमहल हैं और नीचे राजा का नावघर है, जहाँ सैर के लिये मोटर नावें रखी जाती हैं।

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